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Dr. Anurag Mehrotra

(Interventional Cardiologist)

“Time is Muscle” — दिल का दौरा पड़े तो हर मिनट की कीमत है


डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ

जब दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ता है, तो हर बीतता मिनट हृदय की मांसपेशियों (मायोकार्डियम) को नुकसान पहुँचाता है। इसी सच्चाई को कार्डियोलॉजी में एक वाक्य में समेटा गया है — “Time is Muscle”। इसका मतलब: जितनी जल्दी रक्त प्रवाह बहाल, उतना अधिक हृदय बचता है — जितनी देरी,उतना ख़तरा।

शरीर में क्या होता है?

हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की किसी धमनी में थक्का (क्लॉट) बनकर रक्त का प्रवाह रुक जाता है। कुछ ही समय में कोशिकाएँ ऑक्सीजन के अभाव में मरने लगती हैं — इसे “वेवफ्रंट फिनॉमेनन” कहा गया है: लगभग 40 मिनट पर छोटा नुकसान 3–6 घंटे में बड़ा और स्थायी नुकसान | इसलिए समय पर खुली धमनी = ज़्यादा मांसपेशी बचाव।

देरी का गणित: मिनट-मिनट पर बढ़ता रिस्क

बड़े अध्ययनों ने दिखाया है कि प्राइमरी PCI (एंजियोप्लास्टी/स्टेंट) तक पहुँचने में हर 30 मिनट की देरी पर 1-वर्ष मृत्यु-जोखिम लगभग 7.5% बढ़ जाता है|

लक्ष्य क्या हैं?

दिल का दौरा पड़ने पर इलाज में देरी न हो, इसके लिए कुछ समय-सीमाएँ तय की गई हैं:

90 मिनट का नियम: मरीज डॉक्टर/एम्बुलेंस से पहली मुलाकात (FMC) के 90 मिनट के भीतर धमनी खोलनी चाहिए (एंजियोप्लास्टी/स्टेंट लगाना)।

120 मिनट तक का समय: दूसरे अस्पताल रेफर करने पर भी 120 मिनट के अंदर इलाज शुरू हो जाना चाहिए।

30 मिनट का DIDO नियम: जिस अस्पताल में एंजियोप्लास्टी सुविधा नहीं है, वहाँ मरीज को 30 मिनट से ज़्यादा न रोककर तुरंत PCI-वाले अस्पताल भेज देना चािहए।

क्लॉट िपघलानेवाली दवा (थ्रोम्बोलाइिसस) : अगर 120 मिनट में PCI संभव न हो, तो तुरंत दवा देकर बाद में एंजियोप्लास्टी करें।

आम लोगों के लिए — खतरे के लक्षण पहचानें

-सीने में दबाव/जकड़न/जलन 20 मिनट से ज़्यादा, पसीना, बेचैनी, सांस फूलना, मतली
-दर्द बाएँ हाथ/पीठ/जबड़े/गर्दन/कंधे तक जाए
-बुज़ुर्ग, महिलाएँ और डायबिटीज वाले लोगों में लक्षण कम स्पष्ट हो सकते हैं — सिर्फ़ सांस फूलना या घबराहट भी संकेत हो सकते हैं

क्या करें — तुरंत कदम

1. 112/108 पर कॉल करें — खुद वाहन न चलाएँ; एम्बुलेंस में ECG/ऑक्सीजन मिलती है
2. आराम से बैठें/लेटें, तंग कपड़े ढीले करें
3. एस्पिरिन (अगर एलर्जी/ब्लीडिंग का जोखिम नहीं और डॉक्टर/ऑपरेटर अनुमति दें): 160–325 mg की एक टैबलेट चबाकर निगलें
4. समय नोट करें — लक्षण कब शुरू हुए, यह इलाज में बहुत महत्वपूर्ण है

क्या न करें

खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल न जाएँ
घरेलू नुस्खों से समय न गँवाएँ
“शायद गैस है” कहते हुए इंतज़ार करना — सबसे खतरनाक देरी है

क्या याद रखें

1. नज़दीकी कार्डियक केयर सेंटर की जानकारी रखें — जहाँ आपातकाल में तुरंत एंजियोप्लास्टी हो सके|उस अस्पताल का नाम, पता और नंबर आप और आपके पिरवार के पास हमेशा सुरिक्षत होना चाहिए
2. हेल्थ इंश्योरेंस बेहद ज़रूरी है — समय पर सही इलाज तभी संभव है जब आर्थिक सुरक्षा हो

निष्कर्ष

हार्ट अटैक में “गोल्डन आवर” सचमुच जान बचा सकता है। लक्षण दिखें तो 112/108 पर कॉल करें, एम्बुलेंस से आएँ और PCI-सक्षम केंद्र चुनें। लक्ष्य: 90 मिनट के भीतर धमनी खोलना। याद रखें:

"Time is Muscle."

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